Tuesday, December 22, 2020

बहुत सोचा 
कि तुम्हारे नाम की 
जो कविताएं हैं, 
उन्हें किस तरह 
तुम तक पहुँचाऊँ 

आज यह कोशिश छोड़ दी 
एक बात बताओ, 
इसमें ज्यादा नुक्सान किसका है 
मेरा, या तुम्हारा?

No comments:

Post a Comment